भाषा एवं संस्कृति विभाग ने आयोजित की भव्य काव्यगोष्ठी
बिलासपुर
भाषा एवं संस्कृति विभाग कार्यालय बिलासपुर द्वारा शनिवार को संस्कृति भवन सभागार में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार, भा.प्र.से. ने दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
अपने संबोधन में उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि इस काव्यगोष्ठी ने हमें शब्दों और विचारों की शक्ति का अनुभव कराया। साहित्य न केवल भावनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम है, बल्कि समाज में जिम्मेदारी और जागरूकता का संदेश भी देता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन साहित्यिक परंपराओं के संरक्षण के साथ-साथ समाज में रचनात्मकता और संवेदनशीलता को भी प्रोत्साहन देते हैं।
राजभाषा हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में जिला बिलासपुर के सरकारी विभागों में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
अधिकारियों में बलजीत सिंह, मत्स्य अधिकारी बिलासपुर को प्रमाणपत्र व स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
कर्मचारी वर्ग में मीरा देवी, लिपिक (मत्स्य कार्यालय) को प्रथम पुरस्कार, केवल कृष्ण, वरिष्ठ सहायक (अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्यालय) को द्वितीय पुरस्कार तथा रामपाल ठाकुर, आशुलिपिक (जिला परिषद कार्यालय) को तृतीय पुरस्कार मिला।
इन सभी को उपायुक्त बिलासपुर ने सम्मानित किया।
साहित्यकारों का हुआ अभिनंदन
‘साहित्यकार/कलाकार से मिलिए’ कार्यक्रम के अंतर्गत सुमन चड्डा और शीला सिंह को भी उपायुक्त द्वारा सम्मानित किया गया। सुमन चड्डा का जीवन वृत्तांत रविंदर शर्मा ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन साहित्यकार व पत्रकार अरुण डोगरा ने किया।
दूसरे सत्र में कवियों ने बांधा समां
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आयोजित काव्यगोष्ठी में क्षेत्र के अनेक कवियों और साहित्यकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इनमें संदेश शर्मा, रविंदर शर्मा, कर्ण चंदेल, सीता जसवाल, शमशेर सिंह चंदेल, डॉ. रविंदर ठाकुर, निर्मला ठाकुर, ईशा गौतम, विवेक शर्मा, शार्वी शर्मा, प्रीति शर्मा, पूनम वर्मा, वंदना ठाकुर, अमरनाथ धीमान, सुरेंद्र मिन्हास, अरुण डोगरा, सतपाल शर्मा सहित 60 से अधिक साहित्यकार और कलाकार शामिल रहे। उनकी कविताओं और रचनाओं ने सभागार में एक साहित्यिक वातावरण निर्मित कर दिया।
जिला भाषा अधिकारी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस शृंखला के तहत साहित्यकार सुमन चड्डा के योगदान की विशेष सराहना की जाती है। साथ ही उन्होंने शीला सिंह का कार्यक्रम में जलपान की व्यवस्था हेतु धन्यवाद किया।
इस अवसर पर भाषा अधिकारी ने भविष्य में भी ऐसे साहित्यिक आयोजनों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।