डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

नेशनल रोइंग चैंपियनशिप में इतिहास रचते हुए जीता गोल्ड मेडल, पहली बार चमका प्रदेश का नाम

हैदराबाद की लहरों पर हिमाचल की बेटियों का परचम



बिलासपुर ( सुनील ठाकुर )

हिमाचल प्रदेश की बेटियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर जज़्बा हो, तो कोई भी सपना छोटा नहीं होता। हैदराबाद में आयोजित 26वीं सब-जूनियर नेशनल रोइंग चैंपियनशिप में बिलासपुर की बेटियों ने इतिहास रचते हुए एक स्वर्ण और दो कांस्य पदक अपने नाम किए हैं। यह पहली बार है जब हिमाचल की किसी बेटी ने राष्ट्रीय रोइंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है।

प्रतियोगिता में बिलासपुर के साइ एनटीपीसी वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं बेटियों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से देशभर के प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए यह गौरव हासिल किया।

अर्चिता और श्रेया की जोड़ी ने जबरदस्त तालमेल के साथ गोल्ड मेडल जीतकर हिमाचल का सिर गर्व से ऊँचा किया, जबकि अनामिका, तनिष्का ठाकुर, चाहत और प्रीशा की टीम ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से कांस्य पदक हासिल किए।


कोच मनीषा चौधरी की मेहनत रंग लाई
इन बेटियों के पीछे एक मजबूत मार्गदर्शक के रूप में खड़ी हैं कोच मनीषा चौधरी, जिनके प्रशिक्षण और प्रेरणा से यह सफलता संभव हो सकी। कोच मनीषा चौधरी ने कहा, "यह सिर्फ एक शुरुआत है। बेटियों ने यह दिखा दिया है कि वे किसी से कम नहीं। सरकार से मिल रहे सहयोग और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत से आने वाले समय में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल होंगी।"

प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण
यह जीत सिर्फ मेडल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए खेल इतिहास में एक मील का पत्थर है। नेशनल लेवल पर बेटियों द्वारा हासिल किया गया यह गोल्ड मेडल आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा।

लक्ष्य अब इंटरनेशनल चैंपियनशिप

विजेता बेटियों ने कहा कि यह सफर यहीं नहीं रुकेगा। उनका अगला लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश और प्रदेश का नाम रोशन करना है। उन्होंने कहा कि वे और अधिक मेहनत करेंगी और दुनिया को दिखा देंगी कि हिमाचल की बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं।

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