डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

बिलासपुर में बद्दी यूनिवर्सिटी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित, शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू



बिलासपुर


 बद्दी यूनिवर्सिटी ऑफ एमरजिंग साइंसेज़ एंड टेक्नोलॉजी, बद्दी (हिमाचल प्रदेश) ने सोमवार को बिलासपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन फार्मेसी डॉ. रवीनेश मिश्रा और मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव रोहित भारद्वाज विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बद्दी यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों, पाठ्यक्रमों और आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 की प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी साझा की।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि बद्दी यूनिवर्सिटी पिछले 23 वर्षों से गुणवत्तापूर्ण, नवाचार प्रेरित और उद्योगोन्मुखी शिक्षा प्रदान कर रही है। यह विश्वविद्यालय एशिया के सबसे बड़े फार्मास्यूटिकल हब, बद्दी में स्थित है। यहां इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, फार्मेसी, प्रबंधन, कृषि, नर्सिंग, बेसिक साइंसेज़ और पैरामेडिकल जैसे क्षेत्रों में स्नातक और परास्नातक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय छात्रों को डिजिटली सक्षम कक्षाएँ, आधुनिक प्रयोगशालाएँ, अनुभवी फैकल्टी, "आइडिया फैक्टरी" जैसी इनोवेशन लैब्स, औद्योगिक भ्रमण और विशेषज्ञ व्याख्यान के माध्यम से व्यावसायिक ज्ञान उपलब्ध कराता है।

प्लेसमेंट के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। अब तक छात्रों को अधिकतम ₹18 लाख वार्षिक तक का पैकेज प्राप्त हुआ है, जबकि औसत पैकेज ₹5 से ₹6 लाख प्रतिवर्ष रहा है। ज़ायडस, टॉरेंट, सिप्ला, बेबो टेक्नोलॉजी, ग्लेनमार्क, इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस, टीवीएस मोटर्स, फोर्टिस, मैकलॉड्स, सन फार्मा और डाबर जैसी नामी कंपनियाँ छात्रों को नियुक्ति दे चुकी हैं।

छात्रों की सुविधा हेतु विश्वविद्यालय में पृथक सुरक्षित छात्रावास, 24×7 वाई-फाई, लॉन्ड्री, आधुनिक कैंटीन और खेल परिसर भी उपलब्ध हैं। इसमें क्रिकेट स्टेडियम, फुटबॉल ग्राउंड, बास्केटबॉल व वॉलीबॉल कोर्ट समेत टेबल टेनिस, बैडमिंटन, शतरंज और कैरम जैसी इंडोर गेम्स की सुविधा शामिल है।

रोहित भारद्वाज ने बताया कि विश्वविद्यालय विभिन्न श्रेणियों के लिए छात्रवृत्तियाँ भी प्रदान करता है, जिनमें अकादमिक मेरिट, जेईई स्कोर आधारित, बीपीएल, कोविड पीड़ित, डिफेंस बैकग्राउंड, एकल बालिका, दिव्यांगजन और खेल कोटा आदि शामिल हैं।

बद्दी यूनिवर्सिटी एक ऐसा शिक्षण संस्थान है, जो केवल डिग्री प्रदान करने तक सीमित नहीं, बल्कि छात्रों को नवाचार, उद्यमिता और नेतृत्व कौशल से लैस कर एक उज्ज्वल करियर की ओर अग्रसर करता है।

प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक अभ्यर्थी टोल फ्री नंबर 1800-123-0927 या मोबाइल नंबर 8263843386 (रोहित भारद्वाज) पर संपर्क कर सकते हैं। विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.baddiuniv.ac.in पर भी सभी विवरण उपलब्ध

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