डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

कोटधार नलवाड़ मेला समिति के पदाधिकारियों ने मां नैना देवी के दरबार में टेका माथा, मेले के सफल आयोजन के लिए लिया आशीर्वाद



बिलासपुर 

कोटधार नलवाड़ मेला समिति के पदाधिकारियों ने माता भगवती श्री नैना देवी जी के दरबार में माथा टेककर इस वर्ष के मेले के सफल आयोजन के लिए आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर समिति के संस्थापक एवं महासचिव अमरनाथ धीमान ने कहा कि 28 मार्च से 30 मार्च तक कोटधार का ऐतिहासिक नलवाड़ मेला पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ आयोजित किया जाएगा।


मां भगवती से मांगा आशीर्वाद
समिति के सभी पदाधिकारी समस्त कार्यकारिणी और जनता की ओर से नतमस्तक होकर माता के चरणों में पहुंचे और मेले के निर्विघ्न संचालन की प्रार्थना की। महासचिव अमरनाथ धीमान ने बताया कि कोटधार नलवाड़ मेला न केवल पशुपालकों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है, बल्कि यह क्षेत्र की संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक मेले को भविष्य की पीढ़ियों तक संरक्षित और संवर्धित करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है।



कोटधार नलवाड़ मेले की ऐतिहासिक विरासत

कोटधार नलवाड़ मेला क्षेत्र की प्राचीन विरासत से जुड़ा हुआ है। यह मेला पशुपालकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यहां पशु व्यापार, पारंपरिक खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन होते हैं। वर्षों से यह मेला बिलासपुर जिले की पहचान बना हुआ है और लोग इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।


अमरनाथ धीमान ने जिला बिलासपुर के सभी लोगों से आग्रह किया कि वे मेले के सफल आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और सहयोग दें। उन्होंने कहा कि यह मेला सिर्फ व्यापार या मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का प्रतीक भी है। इसलिए इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का समर्थन जरूरी है।


इस अवसर पर समिति के प्रधान कैप्टन ज्ञानचंद धीमान, उपप्रधान सुनील शर्मा, कोषाध्यक्ष अनिल शर्मा, महासचिव अमरनाथ धीमान और उनकी धर्मपत्नी ज्ञानी देवी धीमान भी उपस्थित रहीं।

कोटधार नलवाड़ मेला क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक आस्था से जुड़ा है, जिसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संजोकर रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।


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