डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

सरकारी जंगल में खैर के पेड़ों पर फिर चली कुल्हाड़ी, वन विभाग ने 71 मोच्छे बरामद किए


बिलासपुर सुनील ठाकुर 


जिला बिलासपुर के विधानसभा क्षेत्र नयना देवी की पंचायत छडोल के गांव नेरी में वन संपदा पर फिर से कुल्हाड़ी चली है। अवैध रूप से खैर के पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है। गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने जंगल में छापेमारी कर 71 मोच्छे खैर की लकड़ी बरामद की है।
वन विभाग को सूचना मिली थी कि नेरी गांव के जंगलों में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है। 

इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए रतनपुर ब्लॉक के बीओ और उनकी टीम मौके पर पहुंची। जब जांच की गई, तो वहां कई कटे हुए पेड़ मिले और 71 मोच्छे लकड़ी बरामद हुई। वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन सभी लकड़ियों को जब्त कर लिया।

लगातार बढ़ रही अवैध कटाई, वन संपदा को भारी नुकसान

 क्षेत्र में लगातार जंगलों की अवैध कटाई के मामले सामने आ रहे हैं। खासकर खैर के पेड़ों की लकड़ी की ऊंची कीमतों के कारण लकड़ी माफिया सक्रिय हो गए हैं। सरकारी जंगलों को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है, जिससे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

सूत्रों के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी रतनपुर धार और आसपास के जंगलों में खैर के पेड़ों की अवैध कटाई के कई मामले सामने आ चुके हैं। स्थानीय लोग भी इस समस्या को लेकर चिंतित हैं, लेकिन तस्कर हर बार नए तरीके अपनाकर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।

वन विभाग ने बढ़ाई सख्ती, दोषियों की तलाश जारी

वन विभाग अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह पता लगाया जा रहा है कि यह कटान किन लोगों द्वारा किया गया था और इसकी लकड़ी कहां बेची जानी थी। वन विभाग का कहना है कि दोषियों की पहचान के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


वन संपदा की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। अवैध कटाई को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" – धर्म पाल, बीओ, रतनपुर ब्लॉक

प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग

स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले में और सख्ती बरतनी चाहिए। यदि समय रहते इन गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में जंगलों को भारी नुकसान हो सकता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस क्षेत्र में वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।


पर्यावरण को हो सकता है बड़ा नुकसान

विशेषज्ञों का कहना है कि खैर के पेड़ों की कटाई न केवल जंगलों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इससे मिट्टी के कटाव, जल स्रोतों के सूखने और जैव विविधता पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अगर ऐसी गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में इसका गंभीर प्रभाव देखने को मिल सकता है।

वन विभाग की इस कार्रवाई से अवैध कटाई में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया है। अब देखना यह होगा कि आगे इस मामले में कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और प्रशासन कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है।

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