हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले की पहचान रहेगी गुप्त, पुनर्वास और परामर्श की भी सुविधा उपलब्ध: उपयुक्त बिलासपुर राहुल कुमार

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नशे के विरुद्ध अभियान में मानस टोल फ्री नम्बर 1933 पर बनें सहभागीः उपायुक्त बिलासपुर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने मानस हेल्पलाइन शुरू की है। इसके तहत नागरिक टोल फ्री नम्बर 1933 पर कॉल कर नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध खेती और इससे जुड़े अपराधों की गोपनीय सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है। साथ ही 1933 नम्बर के माध्यम से नशे से पीड़ित व्यक्तियों को परामर्श और पुनर्वास सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। यह प्लेटफार्म नागरिकों को नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की रिपोर्ट करने और आवश्यक जानकारी पाने के लिए एक सुरक्षित व एकीकृत डिजिटल माध्यम उपलब्ध करवाता है। हर समय उपलब्ध है सेवा उपायुक्त ने कहा कि मानस हेल्पलाइन सभी दिन, हर समय कार्यरत रहती है। नागरिक इस सेवा का उपयोग न केवल टोल फ्री नम्बर 1933 बल्कि आधिकारिक वेब पोर्टल www.ncbmanas.gov.in, ई-मेल info.ncbmanas@gov.in और उमंग ऐप के जरिए भी कर सकते हैं। नशा एक गंभीर...

एडुकेशन और हेल्थ सेक्टर पर बजट में कोई विशेष फोकस नहीं : संदीप सांख्यान

बिलासपुर 



यूनियन गवर्मेन्ट के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कॉर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कहा कि वर्तमान बजट आम जनता के हित का बजट नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में देश मे बढ रही महंगाई, मुद्रा स्फीति और बेरोजगारी रोकने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा देश के एडुकेशन सेक्टर को शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर भी कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं शिक्षा के क्षेत्र में जो विद्यार्थी हायर स्टिडीज़ और शोध कार्यो रिसर्च वर्क में जाना चाहता है उनके लिए यह बजट मुश्किल भरा है।

हिमाचल के हितों का बजट में कोई ध्यान नहीं रखा गया है... संदीप सांख्यान

 इसके अलावा संदीप सांख्यान ने कहा कि हेल्थ सेक्टर में भी हेल्थ केयर की गुणवत्ता पर इस बजट में काफी सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ कार्ड बनाने से ही हेल्थ केयर नहीं होती लेकिन मरीज़ों को हाइजिनिक व्यवस्था के साथ साथ हेल्थ कार्डों का निजी अस्पतालों या उनके स्तर के अस्पतालों में भी इलाज की सुविधाएं होनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि आज सूचना प्रद्योगिकी के इस युग मे भी अस्पतालों में लंबी लंबी कतारों में मरीजों और उनके तीमारदारों को देखा जा सकता है। इस बजट में इन लंबी कतारों को कम करने हैतू जो भिन्न भिन्न अस्पतालों में अलग से सूचना प्रद्योगिकी सेंटर बना कर मरीजों को समयबद्ध अग्रिम सूचना के आधार पर इलाज किया जाना चाहिए। इसके अलावा संदीप ने कहा कि बजट में किसानों की आय बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

 देश के बेरोगारों को रोजगार हेतू कोई सैद्धांतिक नीति को बजट में प्रस्तावित नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य होने के लिए कोई विशेष पैकेज या हिमाचल की आर्थिकि को बढ़ाने के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिला कर बजट व्यवहारिक नहीं है।


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