डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए 7 फरवरी को चिकित्सा जांच"

 

बिलासपुर 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि दत्त शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और उनकी सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड  न्यू ओपीडी कॉम्प्लेक्स, कमरा नं.203  क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 7 फरवरी  को प्रातः 10 बजे से दिव्यांग व्यक्तियों की चिकित्सा जांच करेगा। उन्होंने बताया कि जांच प्रक्रिया समाप्त होने के बाद लाभार्थियों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।

 उन्होंने बताया कि बोर्ड में विशेषज्ञ डॉक्टरों और अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं। 


 बोर्ड में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. शशि दत्त शर्मा अध्यक्ष होंगे। जबकि डॉ. निशांत आचार्य  - बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. ऋषि टंडन - ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ. प्रशांत शर्मा - सर्जन, डॉ. कुलदीप कुमार - आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. ईशानी गुप्ता - नेत्र सर्जन, डॉ. नरेश चौहान - चिकित्सा, आयुष शर्मा-मनोचिकित्सक, ज्योत्सना शर्मा- क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक  बोर्ड के सदस्य होंगे। 
उन्होंने चिकित्सा जांच प्रक्रिया में सभी लाभार्थियों को अपने आवश्यक दस्तावेज, पहचान पत्र, और चिकित्सा से संबंधित रिपोर्ट साथ लाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड के कम से कम दो नामित सदस्यों द्वारा प्रमाणित और अनुमोदित किए जाएंगे। यह प्रमाण पत्र इस कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी प्रारूप के अनुसार प्रदान किया जाएगा।

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