हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले की पहचान रहेगी गुप्त, पुनर्वास और परामर्श की भी सुविधा उपलब्ध: उपयुक्त बिलासपुर राहुल कुमार

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नशे के विरुद्ध अभियान में मानस टोल फ्री नम्बर 1933 पर बनें सहभागीः उपायुक्त बिलासपुर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने मानस हेल्पलाइन शुरू की है। इसके तहत नागरिक टोल फ्री नम्बर 1933 पर कॉल कर नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध खेती और इससे जुड़े अपराधों की गोपनीय सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है। साथ ही 1933 नम्बर के माध्यम से नशे से पीड़ित व्यक्तियों को परामर्श और पुनर्वास सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। यह प्लेटफार्म नागरिकों को नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की रिपोर्ट करने और आवश्यक जानकारी पाने के लिए एक सुरक्षित व एकीकृत डिजिटल माध्यम उपलब्ध करवाता है। हर समय उपलब्ध है सेवा उपायुक्त ने कहा कि मानस हेल्पलाइन सभी दिन, हर समय कार्यरत रहती है। नागरिक इस सेवा का उपयोग न केवल टोल फ्री नम्बर 1933 बल्कि आधिकारिक वेब पोर्टल www.ncbmanas.gov.in, ई-मेल info.ncbmanas@gov.in और उमंग ऐप के जरिए भी कर सकते हैं। नशा एक गंभीर...

दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए 7 फरवरी को चिकित्सा जांच"

 

बिलासपुर 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी शशि दत्त शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और उनकी सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड  न्यू ओपीडी कॉम्प्लेक्स, कमरा नं.203  क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में 7 फरवरी  को प्रातः 10 बजे से दिव्यांग व्यक्तियों की चिकित्सा जांच करेगा। उन्होंने बताया कि जांच प्रक्रिया समाप्त होने के बाद लाभार्थियों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।

 उन्होंने बताया कि बोर्ड में विशेषज्ञ डॉक्टरों और अधिकारियों को शामिल किया गया है, जिनमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में विभिन्न चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं। 


 बोर्ड में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. शशि दत्त शर्मा अध्यक्ष होंगे। जबकि डॉ. निशांत आचार्य  - बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. ऋषि टंडन - ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ. प्रशांत शर्मा - सर्जन, डॉ. कुलदीप कुमार - आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. ईशानी गुप्ता - नेत्र सर्जन, डॉ. नरेश चौहान - चिकित्सा, आयुष शर्मा-मनोचिकित्सक, ज्योत्सना शर्मा- क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक  बोर्ड के सदस्य होंगे। 
उन्होंने चिकित्सा जांच प्रक्रिया में सभी लाभार्थियों को अपने आवश्यक दस्तावेज, पहचान पत्र, और चिकित्सा से संबंधित रिपोर्ट साथ लाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र जिला चिकित्सा विकलांगता बोर्ड के कम से कम दो नामित सदस्यों द्वारा प्रमाणित और अनुमोदित किए जाएंगे। यह प्रमाण पत्र इस कार्यालय द्वारा पूर्व में जारी प्रारूप के अनुसार प्रदान किया जाएगा।

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