हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले की पहचान रहेगी गुप्त, पुनर्वास और परामर्श की भी सुविधा उपलब्ध: उपयुक्त बिलासपुर राहुल कुमार

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नशे के विरुद्ध अभियान में मानस टोल फ्री नम्बर 1933 पर बनें सहभागीः उपायुक्त बिलासपुर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने मानस हेल्पलाइन शुरू की है। इसके तहत नागरिक टोल फ्री नम्बर 1933 पर कॉल कर नशीले पदार्थों की तस्करी, अवैध खेती और इससे जुड़े अपराधों की गोपनीय सूचना दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन पर सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है। साथ ही 1933 नम्बर के माध्यम से नशे से पीड़ित व्यक्तियों को परामर्श और पुनर्वास सेवाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। यह प्लेटफार्म नागरिकों को नशीली दवाओं से संबंधित मामलों की रिपोर्ट करने और आवश्यक जानकारी पाने के लिए एक सुरक्षित व एकीकृत डिजिटल माध्यम उपलब्ध करवाता है। हर समय उपलब्ध है सेवा उपायुक्त ने कहा कि मानस हेल्पलाइन सभी दिन, हर समय कार्यरत रहती है। नागरिक इस सेवा का उपयोग न केवल टोल फ्री नम्बर 1933 बल्कि आधिकारिक वेब पोर्टल www.ncbmanas.gov.in, ई-मेल info.ncbmanas@gov.in और उमंग ऐप के जरिए भी कर सकते हैं। नशा एक गंभीर...

आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय में संजौली कॉलेज से 6 छात्रों के अवैध निष्कासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया।

शिमला 

हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी के आह्वान पर प्रदेश के अलग-अलग महाविद्यालय में संजौली महाविद्यालय से निष्कासित 6 छात्रों के गैरकानूनी निष्कासन के खिलाफ प्रदेश भर में उग्र प्रदर्शन किये गये। 

एसएफआई राज्य अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने मीडिया में बयान जारी करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार व संजौली महाविद्यालय प्रशासन के तानाशाह पूर्ण रविये के खिलाफ हिमाचल के सभी महाविद्यालयों में कैंपस डेमोक्रेसी को बचाए रखने के लिए और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह धरना प्रदर्शन किए गए ।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया शुरू से ही इस बात की मुखलत करती आई है कि छात्रों को उनके जनवादी अधिकार दिए जाएं लेकिन हिमाचल प्रदेश कि राज्य सरकार छात्रों के जनवादी अधिकारों को कुचलना का काम हिमाचल प्रदेश के अंदर बीते 10 वर्षों से कर रही है।

 2013 में छात्र संघ चुनाव पर लगा प्रतिबंध इसका एक जीता जागता उदाहरण है पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय श्री वीरभद्र सिंह उसके बाद हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी जो खुद भी एक राजनीति के छात्रों की राजनीति से उठकर आए हैं और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने भी छात्र संघ चुनाव को हल करने के बजाय कैंपस में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास पिछले 2 सालों के अंदर हिमाचल प्रदेश के अंदर किया है ।

जिसका जीता जागता उदाहरण संजौली कॉलेज में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे छात्र हॉस्टल की बड़ी हुई फीस के खिलाफ कॉलेज में बेताशा बड़ी कैंटीन के रेट के खिलाफ वह कॉलेज में लिंग संवेदनशील कमेटी के गठन के निर्माण को लेकर लड़ रही लड़ाई को जिस तरह से हिमाचल प्रदेश की सरकार के मुख्य सुखविंदर सिंह सुखु और संजोली कॉलेज के प्रशासन ,
जिनमें से खास तौर पर कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता करने वाले प्राध्यापक की तानाशाही के कारण 6 छात्रों को उनकी शिक्षा से दूर किया गया।  इन्ही के कारण लगभग 6 महीने से 6 छात्र अपनी पढ़ाई से दूर होकर मानसिक तनाव के चलते परेशानियों का सामना कर रहे हैं। और न ही इन्हे अपनी कक्षाओं को लगाने दिया जा रहा है। 

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुखु की सरकार और विश्वविद्यालय व संजोली महाविद्यालय प्रशासन से यह मांग कर रही है कि संजोली कॉलेज से किये गए 6 छात्रों के अवैध निष्कासन को तुरंत वापिस ले ताकि शिक्षा के अधिकार से यह सब छात्र वंचित न हो।

एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगर छात्रों का अवैध निष्कासन को वापिस नही लिया जाता है तो एसएफआई प्रदेश के छात्रों को लामबंद करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
 

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