डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

युवक के पेट से निकले 33 सिक्के, डॉक्टरों ने तीन घंटे तक किया ऑपरेशन



बिलासपुर: सुनील ठाकुर 
घुमारवीं शहर के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने 33 वर्षीय युवक के पेट से ऑपरेशन कर 33 सिक्के निकाले हैं। युवक को पेट दर्द की शिकायत के बाद 31 जनवरी को अस्पताल लाया गया था, जहां विभिन्न जांचों के बाद डॉक्टरों ने सिक्के होने की पुष्टि की। ऑपरेशन के दौरान युवक के पेट से 2, 10 और 20 रुपये के कुल 33 सिक्के निकाले गए, जिनका कुल वजन 247 ग्राम था।


तीन घंटे तक चला ऑपरेशन

सर्जन डॉक्टर अंकुश ने बताया कि यह ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मरीज का पेट गुब्बारे की तरह फूल गया था और सिक्के पूरे पेट में फैल चुके थे। ऑपरेशन थिएटर में सीआर मशीन की मदद से सिक्कों की सटीक लोकेशन का पता लगाया गया और फिर तीन घंटे की मेहनत के बाद इन्हें बाहर निकाला गया।

सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है युवक

डॉक्टरों के अनुसार, युवक सिजोफ्रेनिया (मनोविदलता) नाम की मानसिक बीमारी से पीड़ित है, जिसके कारण उसे सिक्के खाने की आदत पड़ गई। सिजोफ्रेनिया एक मानसिक विकार है, जिसमें मरीज के विचार और अनुभव वास्तविकता से मेल नहीं खाते। इस बीमारी में भ्रम और वहम प्रमुख लक्षण होते हैं, जिससे व्यक्ति असामान्य हरकतें करने लगता है।



फिलहाल स्थिति स्थिर

डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और युवक की हालत अब स्थिर है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक रोगियों की नियमित निगरानी और सही इलाज जरूरी है, ताकि वे इस तरह की हानिकारक गतिविधियों से बच सकें।

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