डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

केंद्र सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों पर शिमला में भाजपा की बैठक, डॉ. सिकंदर कुमार ने ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव को बताया ऐतिहासिक




शिमला

भारतीय जनता पार्टी जिला शिमला की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन शुक्रवार को दीप कमल, चक्कर स्थित भाजपा कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य विषय केंद्र सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों की समीक्षा रहा।

डॉ. सिकंदर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर एक नई पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि भारत हाल ही में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली थी, तब भारत की जीडीपी जहां थी, आज वह दोगुनी से अधिक होकर 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है।
उन्होंने कहा कि यह आर्थिक प्रगति सुधारवादी नीतियों, आत्मनिर्भर भारत की भावना और ऊर्जा क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक बदलावों का परिणाम है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में ऊर्जा क्षेत्र ने एक संरचनात्मक परिवर्तन का अनुभव किया है, जो पिछले दस वर्षों के आधारभूत बदलावों पर आधारित है। डॉ. कुमार ने बताया कि भारत अब विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा और तेल उपभोक्ता, चौथा सबसे बड़ा रिफाइनर और एलएनजी आयातक बन चुका है।

डॉ. सिकंदर ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की ऊर्जा मांग में ढाई गुना वृद्धि होने की संभावना है और वैश्विक मांग में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "ऊर्जा सुरक्षा ही विकास सुरक्षा है," और मोदी सरकार की ऊर्जा रणनीति इस सिद्धांत पर आधारित है, जो ऊर्जा के स्रोतों में विविधता, घरेलू उत्पादन के विस्तार, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर संक्रमण और सामर्थ्य को केंद्र में रखती है।

तेल और गैस के क्षेत्र में विस्तार की बात करते हुए उन्होंने बताया कि अन्वेषण क्षेत्र वर्ष 2021 में 8 प्रतिशत था, जो 2025 तक दोगुना होकर 16 प्रतिशत हो गया है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक एक मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करना है, ताकि लगभग 42 बिलियन टन तेल और तेल-समतुल्य गैस का अन्वेषण किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि 'नो-गो' क्षेत्रों में 99 प्रतिशत की कटौती, ओएएलपी राउंड के माध्यम से लाइसेंस प्रक्रिया का सरलीकरण और नए गैस कुओं के लिए मूल्य प्रोत्साहन जैसी नीतियां इस दिशा में मील का पत्थर हैं।

बैठक में भाजपा जिला शिमला के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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