डुगली छांब में दशकों से लंबित सड़क निर्माण की मांग, छह माह में प्रक्रिया शुरू होने का भरोसा: जितेंद्र चंदेल

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बिलासपुर  ग्राम पंचायत रघुनाथपुरा के डुगली छांब क्षेत्र में सड़क निर्माण की मांग पिछले कई वर्षों से लंबित पड़ी है। स्वतंत्रता के बाद से आज तक इस गांव को सड़क सुविधा नहीं मिल पाई है, जिसके चलते ग्रामीणों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों ने अपनी समस्या को हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल के समक्ष उठाया। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से बीमार व्यक्तियों को आज भी पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ता है। पीने का पानी सिर पर ढोकर लाना पड़ता है। बच्चों के लिए स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जबकि बरसात और गर्मी में हालात और भी विकट हो जाते हैं। इस संबंध में बलदेव, श्यामलाल, छोटाराम, रतनलाल, नंदलाल, सोमा देवी, फूला देवी, सोनी देवी, अंजू देवी, माया देवी, रितु देवी, रवि कुमार, रंजीत, शंकरी देवी, निकुरम, सुरेंद्र कुमार, नरोत्तम कुमार और प्रकाश सहित कई ग्रामीणों ने चंदेल से मुलाकात की। ग्रामवासियों की समस्या सुनने के बाद हिमुडा निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने आश्वासन दिया कि आने वाले छह महीनों में गांव तक सड़क पहुंचाने की प्रक्...

हिमाचल के बेटे ने रचा इतिहास, बिलासपुर के हरिमन शर्मा को मिला 'पद्म श्री'


कम तापमान वाले क्षेत्रों में सेब उगाने की क्रांति लाई, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश का सिर फिर गर्व से ऊंचा हुआ है। जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र के प्रगतिशील किसान हरिमन शर्मा को मंगलवार को नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 'पद्म श्री' सम्मान से नवाजा।

हरिमन शर्मा को यह प्रतिष्ठित सम्मान कम ठंडे इलाकों में सेब की खेती को संभव बनाने के लिए दिया गया है। उन्होंने 'HRMN-99' नामक सेब की विशिष्ट किस्म विकसित कर ऐसा कारनामा किया, जिसे पहले असंभव माना जाता था।

बिलासपुर में सबसे पहले तैयार किए सेब के पौधे
हरिमन शर्मा ने हिमाचल के बिलासपुर जिले में सबसे पहले सेब के पौधे तैयार कर इतिहास रच दिया। उन्होंने साबित कर दिखाया कि अब सिर्फ अधिक ठंडे क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि कम तापमान वाले इलाकों में भी सेब की बागवानी मुमकिन है।

उनकी इस उपलब्धि ने ना सिर्फ हिमाचल प्रदेश के किसानों को नया रास्ता दिखाया, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी फलोत्पादन के नए अवसर खोले।

हरिमन शर्मा की मेहनत और संकल्प का परिणाम
कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद हरिमन शर्मा ने हार नहीं मानी। प्रयोग करते हुए उन्होंने 'HRMN-99' जैसी किस्म तैयार की, जो कम सर्दी में भी बेहतरीन फल देती है। आज हजारों किसान उनके प्रयासों से प्रेरणा ले रहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी हरिमन शर्मा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह पूरे हिमाचल के लिए सम्मान और प्रेरणा का क्षण है।


मुख्य बिंदु

बिलासपुर के किसान हरिमन शर्मा को 'पद्म श्री' सम्मान

'HRMN-99' सेब किस्म से बदली कम तापमान वाले इलाकों की तस्वीर

हिमाचल के बिलासपुर में सबसे पहले तैयार किए सेब के पौधे

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में किया सम्मानित

किसानों के लिए बने प्रेरणास्त्रोत

हरिमन शर्मा, बिलासपुर जिले के घुमारवीं क्षेत्र के निवासी, एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। कठिन परिश्रम, शोध और प्रयोग से उन्होंने 'HRMN-99' सेब की किस्म विकसित की। यह किस्म कम ठंडे क्षेत्रों में भी सेब उत्पादन को संभव बनाती है। आज उनका नाम न केवल हिमाचल में, बल्कि पूरे देश में आदर और सम्मान से लिया जाता है।

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